मैंने सोचा था कि यह एक-दो जगह की बात है, पर मैं बहुत दुःखी हो चुकी हूँ, हर जगह अपना नाम अनुराधा लिखा पाकर. इसीलिये मुझे यह पोस्ट लिखनी पड़ रही है. मैं सभी ब्लॉगर बंधुओं से अनुरोध करती हूँ कि कृपा करके मेरा सही नाम लिखें. मेरा नाम आराधना है, जो मेरे माता-पिता ने बहुत सोच-समझकर बड़े प्यार से रखा था. यदि इस नाम के उच्चारण में आपको परेशानी हो तो आप मेरा स्वयं का रखा हुआ नाम “मुक्ति” ले सकते हैं, पर मेरा नाम बदलकर अनुराधा मत रखिये.
मेरा नाम आराधना रखे जाने के पीछे भी एक कहानी है. लोग आमतौर पर बेटा होने की मन्नतें माँगते हैं, लेकिन मैं उन गिनी-चुनी भाग्यशाली लड़कियों में से एक हूँ, जिसके पैदा होने के लिये ईश्वर से आराधना की गयी थी. इसीलिये मेरा नाम आराधना रखा गया. बात यह है कि मेरी दीदी अम्मा-बाबूजी की शादी के दस-ग्यारह साल बाद पैदा हुई थीं. तब तक मेरी माँ को उस विशेषण से विभूषित किया जा चुका था, जिसे यहाँ लिखना भी मुझे मुश्किल लग रहा है. माँ ने निःसंतान होने का दुःख वर्षों झेला था. इसलिये उन्हें अपनी बेटी से बहुत लगाव था. पर दीदी के बहुत दिनों बाद भी कोई संतान न होने से माँ बहुत परेशान रहने लगीं. तब उन्होंने कठोर व्रत-उपवास रखने आरंभ किये और ईश्वर से मनाया कि उन्हें अपनी बेटी के साथ खेलने के लिये एक और बेटी ही दे-दे. यानि विकल्प के रूप में मुझे माँगा गया. तब दीदी के पैदा होने के साढ़े आठ साल बाद मैं माँ की गोद में आयी. मेरे माता-पिता दोनों ने मेरे जन्म पर बढ़चढ़कर खुशियाँ मनायी थीं.
मेरे पिताजी संस्कृत के बड़े ज्ञाता थे. इसलिये उन्होंने मेरा नाम “आराधना” रखा, जो कि शुद्ध संस्कृत शब्द “आराधनम्” से बना है. इसकी व्युत्पत्ति है- आ उपसर्ग+राध् धातु+ल्युट् प्रत्यय. और इसके अनेकों अर्थ हैं, जैसे-प्रसन्नता, संतोष, सेवा, पूजा, अर्चना, उपासना, प्रसन्न करने के उपाय, सम्मान करना, आदर करना, पूर्ति, दायित्व, निष्पत्ति आदि. इन अनेकों अर्थों में मेरा नाम जिस तात्पर्य से रखा गया, वह दोहरा है- एक, माँ ने ईश्वर की आराधना करके मुझे माँगा, दूसरा, ईश्वर ने मुझे देकर माँ को संतुष्ट किया या प्रसन्न किया.
मुझे पता है कि यह नाम थोड़ा कठिन है, दूसरी बात अनुराधा नाम अधिक लोकप्रिय है. इसलिये मैंने ब्लॉग लिखने के लिये एक छोटा नाम “मुक्ति” रख लिया. पर मुझे मेरा वास्तविक नाम बहुत प्रिय है.
तो जो नाम इतने गूढ़ अर्थ को द्योतित करता है, उसे आप बदलिये तो मत. मुझे दुःख होता है, क्योंकि यह नाम मुझे इस बात की याद दिलाता रहता है कि मैं विशेष हूँ, क्योंकि मैं अपनी माँ की आराधना और पिता की विद्वत्ता का परिणाम हूँ. यह नाम मेरे उन माता-पिता की निशानी है मेरे साथ, जो अब इस संसार में नहीं हैं.
आपके मनोभावों को समझ रहा हूँ –
अब हिम्मत ही नहीं हो रही है की कह दूं की नाम में क्या रखा है ? गुलाब तो गुलाब ही है (पश्चिमी सोच )
मगर नहीं ,आप सही हैं -जिस देश में राम से बढ़कर राम के नाम का महात्म्य हो वहां आराधना को आराधना कहने से ही
उभय पक्षों में भावो का सही परिपाक संभव है –आराधना , आराधना, .आराधना, .आराधना, आराधना …लीजिये पूरा आराधना जप/जाप ही कर दिया शिवरात्रि की प्रातः ….अब खुश ?
हद है! कुछ ऐसा ही मैं भी झेलता रहता हूँ – गिरीश, बृजेश, गृजेश, गिर्जेश… वगैरह
एक दिल्ली वाली तो कहती थी कि मेरा नाम लड़कियों जैसा है 😦
लेकिन हिन्दी ब्लॉगरी में बहुत कम ही इससे पाला पड़ा है। शायद लोग डरते हैं 🙂 आप भी हड़काया कीजिए, सब सुधर जाएँगे।
अच्छा रहा कि एक लेख ही लिख दिया। वैसे मैं तो आप को मुक्ति नाम से ही जानता हूँ। गुड्डू भार्गव भी ठीक है 🙂
सबसे पहले तो यह बताइए…… कि…. आपकी तबियत अब कैसी है? नाश्ता किया कि नहीं आपने? आज भी मौसम खराब है…. ख्याल रखियेगा अपना….. मैं भी आज ही सुबह लौटा हूँ….. आते ही सबसे पहले आपके ही ब्लॉग पर आया हूँ….. आराधना शब्द की उत्पत्ति को बहुत खूबसूरती से बताया है आपने….. नाम की बहुत वैल्यू होती है…. नाम हमेशा पूरे व्यक्तित्व को सार्थक बनता है…. संस्मरणात्मक रूप से यह लेख बहुत अच्छा और सार्थक है….
याद कर लिया अराधना अराधना वैसे बहुत सुन्दर नाम है फिर इसमे माता पिता का स्नेह और आस्था भी जुदी हो तो नाम का महत्व और बढ जाता है । शुभकामनायें अराधना जी।
मै तो यह कहुंगा आराधना कि जिन्होंने आपको अनुराधा कहा बहुत शुभ काम किया उन्होंने ..अगर वो ऐसा न करते तो क्या हमे आराधना शब्द के इतने सारे अर्थ और इस शब्द की व्युत्पत्ति का कभी पता चल पाता ..क्या हमको यह पता चल पाता की एक नाम के पीछे कितने अफ़साने जुड़े हुए है ..वैसे आपने जिस अंदाज में अपने नाम के बारे में बताया है वो मुझे बहुत अच्छा लगा ..रसमय और मधुर …मेरे मामाजी जो पुराने जमाने के ब्रह्मण है और संस्कृत महाविद्यालय में अध्यापक है इसी अंदाज में शब्दों और नामो का विश्लेषण करके मुझे बताते है ..वो आपने जिस तरह से अभी बताया की आराधना का क्या मतलब है उन्ही की याद आ गयी ..वैसे अब तो यह तय है की इस व्याख्या के बाद आप का नाम मेरे दिमाग से गुम नहीं होगा ..नहीं ..कभी नहीं .. हा यह गीत गुनगुनाने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है : नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा.
चेहरा भले ही बदल जाए पर नाम तो अब गुम होने से रहा :-))
मैने अपनी चर्चा में आपका नाम गलत लिख दिया था, अभी कुछ देर पहले उस चर्चा पर आपकी टिप्पणी पढ़ी तो आपकी इस पोस्ट का ध्यान आया, मैने आपका नाम सही कर दिया है, सच मानिये चर्चा लिखते समय मुझे इस बात का ध्यान ही नहीं रहा कि मैं “आराधना” को “अनुराधा” लिख रहा हूँ. मेरे नाम गलत लिखने से आपको जो ठेस पहुची है उसके लिये क्षमा करियेगा
कोई बात नहीं. ये समस्या बहुत से लोगों को होती है. वस्तुतः अनुराधा नाम अधिक लोकप्रिय है, इसलिये लोगों को ज़ल्दी याद होता है. इसीलिये मैंने व्युत्पत्ति सहित नाम लिख दिया. अब नहीं भूलेगा. है न.
एक सलाह!
आप अपने प्रोफाइल नाम को हिन्दी में कर लीजिये !
कोई गलती ना होगी !
शायद जल्दबाजी में लोग आराधना को अनुराधा पढ़ जाते होंगे !
वैसे हिन्दी की दुनिया में aradhana थोड़ा कम ठीक लगता है !
आराधना चतुर्वेदी “मुक्ति”
कैसा रहेगा ?
वैसे ट्विट्टर पर तो आप guddubhargava के रूप में नजर आती है …एक पोस्ट इस नामकरण पर भी ?
माफ कीजिये , मैं आपको उसी नाम को लेकर चिढाने वाला था जिसके लिए आपने मना किया है , लेकिन चूँकि ये नाम आपके स्वर्गवासी माता-पिता की निशानी है और मैं मजाक में भी उनको या आपको ठेस नहीं पहुँचाना चाहता |
(ps- मैंने तो आपका कभी गलत नाम नहीं लिया | या शायद मैंने कभी आपका नाम ही नहीं लिया 🙂 🙂 )
आपका नाम वाकई बहुत सुन्दर है(इसके पीछे की कहानी जानने के बाद)
bahut khubsurat naam hai aapka ,mujhse naam me galti ki ummid mat kijiyega
sadhuwad
अराधना- याद कर लिया. 🙂
नाम ऐसा नहीं कि याद न हो ! यह नाम मेरे अत्यन्त आत्मीय का भी है । भूला कैसे जा सकता है ।
@ समीर जी, याद तो कर लिया, पर लिखा अभी भी सही नहीं – ’अराधना’ ! ’अ’ की जगह ’आ’ लिखते ।
ओके अनुराधा जी, अब से अराधना जी।
ओके अनुराधा जी, अब से आराधना जी।
धन्यवाद!!
आपके मनोभावों को समझ रहा हूँ –
अब हिम्मत ही नहीं हो रही है की कह दूं की नाम में क्या रखा है ? गुलाब तो गुलाब ही है (पश्चिमी सोच )
मगर नहीं ,आप सही हैं -जिस देश में राम से बढ़कर राम के नाम का महात्म्य हो वहां आराधना को आराधना कहने से ही
उभय पक्षों में भावो का सही परिपाक संभव है –आराधना , आराधना, .आराधना, .आराधना, आराधना …लीजिये पूरा आराधना जप/जाप ही कर दिया शिवरात्रि की प्रातः ….अब खुश ?
आपने कभी ग़लत नाम नहीं लिया
हद है! कुछ ऐसा ही मैं भी झेलता रहता हूँ – गिरीश, बृजेश, गृजेश, गिर्जेश… वगैरह
एक दिल्ली वाली तो कहती थी कि मेरा नाम लड़कियों जैसा है 😦
लेकिन हिन्दी ब्लॉगरी में बहुत कम ही इससे पाला पड़ा है। शायद लोग डरते हैं 🙂 आप भी हड़काया कीजिए, सब सुधर जाएँगे।
अच्छा रहा कि एक लेख ही लिख दिया। वैसे मैं तो आप को मुक्ति नाम से ही जानता हूँ। गुड्डू भार्गव भी ठीक है 🙂
जी, गुड्डू नाम भी अम्मा ने ही प्यार से रखा था. आप मुक्ति कह सकते हैं.
अपनी माँ की आराधना और पिता की विद्वत्ता का परिणाम हूँ.
अस्तु,
आराधना
if i ever wrote it wrong please forgive me though i prefer to call you mukti still a mistake is a mistake
you are welcome to call me Mukti.
सबसे पहले तो यह बताइए…… कि…. आपकी तबियत अब कैसी है? नाश्ता किया कि नहीं आपने? आज भी मौसम खराब है…. ख्याल रखियेगा अपना….. मैं भी आज ही सुबह लौटा हूँ….. आते ही सबसे पहले आपके ही ब्लॉग पर आया हूँ….. आराधना शब्द की उत्पत्ति को बहुत खूबसूरती से बताया है आपने….. नाम की बहुत वैल्यू होती है…. नाम हमेशा पूरे व्यक्तित्व को सार्थक बनता है…. संस्मरणात्मक रूप से यह लेख बहुत अच्छा और सार्थक है….
मेरी तबीयत अब ठीक है. ध्यान रखने के लिये धन्यवाद!
याद कर लिया अराधना अराधना वैसे बहुत सुन्दर नाम है फिर इसमे माता पिता का स्नेह और आस्था भी जुदी हो तो नाम का महत्व और बढ जाता है । शुभकामनायें अराधना जी।
मुझे तो बहुत पहले ही पता था कि आपका नाम अनुराधा ………………………………………………………………………………………………………………………………
मैंने तो अधिकतर ‘मुक्ति’ ही कहा है आपको ..
अब ‘आराधना’ भी कहा करूँगा ..
आप मुक्ति कह सकते हैं. मैं तो स्वयं कह रही हूँ कि यदि आराधना नाम असहज या कठिन लगता है, तो आप मुक्ति कह सकते हैं.
मैं भी आपको मुक्ति के नाम से ही जानती थी … और यह सहज लगता है जाने क्यों …
आपको यदि मुक्ति सहज लगता है, तो वही नाम लीजिये. मेरी आपत्ति सिर्फ़ अपना नाम ग़लत लिये जाने पर है.
जी याद रहेगा।
OK.
मै तो यह कहुंगा आराधना कि जिन्होंने आपको अनुराधा कहा बहुत शुभ काम किया उन्होंने ..अगर वो ऐसा न करते तो क्या हमे आराधना शब्द के इतने सारे अर्थ और इस शब्द की व्युत्पत्ति का कभी पता चल पाता ..क्या हमको यह पता चल पाता की एक नाम के पीछे कितने अफ़साने जुड़े हुए है ..वैसे आपने जिस अंदाज में अपने नाम के बारे में बताया है वो मुझे बहुत अच्छा लगा ..रसमय और मधुर …मेरे मामाजी जो पुराने जमाने के ब्रह्मण है और संस्कृत महाविद्यालय में अध्यापक है इसी अंदाज में शब्दों और नामो का विश्लेषण करके मुझे बताते है ..वो आपने जिस तरह से अभी बताया की आराधना का क्या मतलब है उन्ही की याद आ गयी ..वैसे अब तो यह तय है की इस व्याख्या के बाद आप का नाम मेरे दिमाग से गुम नहीं होगा ..नहीं ..कभी नहीं .. हा यह गीत गुनगुनाने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है : नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा.
चेहरा भले ही बदल जाए पर नाम तो अब गुम होने से रहा :-))
मैने अपनी चर्चा में आपका नाम गलत लिख दिया था, अभी कुछ देर पहले उस चर्चा पर आपकी टिप्पणी पढ़ी तो आपकी इस पोस्ट का ध्यान आया, मैने आपका नाम सही कर दिया है, सच मानिये चर्चा लिखते समय मुझे इस बात का ध्यान ही नहीं रहा कि मैं “आराधना” को “अनुराधा” लिख रहा हूँ. मेरे नाम गलत लिखने से आपको जो ठेस पहुची है उसके लिये क्षमा करियेगा
कोई बात नहीं. ये समस्या बहुत से लोगों को होती है. वस्तुतः अनुराधा नाम अधिक लोकप्रिय है, इसलिये लोगों को ज़ल्दी याद होता है. इसीलिये मैंने व्युत्पत्ति सहित नाम लिख दिया. अब नहीं भूलेगा. है न.
🙂
रोचक पोस्ट!
एक सलाह!
आप अपने प्रोफाइल नाम को हिन्दी में कर लीजिये !
कोई गलती ना होगी !
शायद जल्दबाजी में लोग आराधना को अनुराधा पढ़ जाते होंगे !
वैसे हिन्दी की दुनिया में aradhana थोड़ा कम ठीक लगता है !
आराधना चतुर्वेदी “मुक्ति”
कैसा रहेगा ?
वैसे ट्विट्टर पर तो आप guddubhargava के रूप में नजर आती है …एक पोस्ट इस नामकरण पर भी ?
ठीक है अनुराधा. 😛
माफ कीजिये , मैं आपको उसी नाम को लेकर चिढाने वाला था जिसके लिए आपने मना किया है , लेकिन चूँकि ये नाम आपके स्वर्गवासी माता-पिता की निशानी है और मैं मजाक में भी उनको या आपको ठेस नहीं पहुँचाना चाहता |
(ps- मैंने तो आपका कभी गलत नाम नहीं लिया | या शायद मैंने कभी आपका नाम ही नहीं लिया 🙂 🙂 )
आपका नाम वाकई बहुत सुन्दर है(इसके पीछे की कहानी जानने के बाद)
सादर